आज मन बड़ा उदास है। पता नही ६ दिसंबर का असर है या कोई और बात है। वैसे एक बात तो ये भी है की आज अंतर्मंथन काम नही कर रहा। पता नही किसी की नज़र लग गई या ब्लॉग में कोई वायरस घुस गया। हो न हो , ये वायरस ही है क्योंकि एड्स वायरस के बाद अगली पोस्ट हिपेताइतिस वायरस से होने वाली बीमारी पर आने वाली थी। लेकिन उससे पहले ही , अंतर्मंथन डेमोलिश हो गया।
इस बीच हमने एक पहेली पूछी थी। और फ़िर एक बार बाज़ी मारी --श्री समीर लाल जी ने। सवाल था --
वो कौन सी बीमारी है जो एड्स से भी १०० गुना ज्यादा संक्रामक है ?
पिछले दो दिन से अखबारों में हिपेताइतिस बी के बारे में आ रहा है, लेकिन यहाँ से कोई सही ज़वाब नही आया । जबकि दिल्ली से करीब १५,००० किलोमीटर दूर बैठे श्री समीर लाल जी ने बिल्कुल सही ज़वाब दिया।
हैट्स ऑफ़ टू समीर भाई।
एक और पहेली थी --एप्पल पाई के बारे में। जिसका हिंट भी फोटो में ही था और जिसे समीर लाल जी के इलावा
जे सी साहब ने भी पहचाना।
आइये एप्पल पाई के बारे में थोड़ा और जानते हैं।
टोरंटो से मोंट्रियल जाने वाले ईस्टर्न हाइवे पर करीब एक घंटे की ड्राइविंग ( लगभग १०० किलोमीटर ) की दूरी पर
बना है ये बिग एप्पल --एप्पल पाई स्टोर --
बिग एप्पल
एप्पल पाई स्टोर --जहाँ मिलती हैं , कनाडियन मिठाई --एप्पल पाई।
यहाँ बीसियों किस्म की सेब से बनी मिठाइयाँ मिलती हैं -एकदम ताज़ा। साथ ही है रेस्तरां ---बैठकर स्वाद
लेने के लिए।
और ये है , मिनी गोल्फ कोर्स ---
एक मिनी जू भी है, जहाँ छोटे छोटे खरगोश दिखाई देते हैं।
लेकिन ये तो -- न तो छोटा है, न ही खरगोश है।
फ़िर ये क्या है ?
हाइवे से सूर्यास्त का नज़ारा ---
नोट : ज्यादा मिठाई खाना सेहत के लिए सही नही है।
रविवार, 6 दिसंबर 2009
रविवार, 8 नवंबर 2009
दिल्ली दर्शन ---भाग ४,---- इंडिया गेट
लुटियन्स दिल्ली का पहला पड़ाव -- राष्ट्रपति भवन के आगे , विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक करीब दो किलोमीटर लंबा राजपथ , जिस पर हर साल आप देखते है २६ जनवरी की परेड।
वर्ष के प्रत्येक दिन ये क्षेत्र पर्यटकों से भरा रहता है। आइये सैर करते हैं, इंडिया गेट के लौंस की।
प्रष्ठ भूमि में दिखाई दे रहा है , राष्ट्रपति भवन।
इंडिया गेट के पास ट्रैफिक बंद कर दिया गया है, जिससे की पर्यटकों को कोई असुविधा न हो।
इंडिया गेट पास से।
ये है , अमर जवान ज्योति। यहीं पर १४ अगस्त १९४७ की रात को ठीक १२ बजे प्रथम प्रधान मंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने भारत का झंडा लगाया था और ज्योति प्रज्वलित की थी।
अब इंडिया गेट आए हैं और बोटिंग न करें, ऐसा कैसे हो सकता है। इन रंग बिरंगी बोट्स को देखकर आप बिना बोटिंग किए जा ही नही पाएंगे।
इंडिया गेट के चारों ओ़र हरे भरे लौंस --- यहीं पर पिकनिक मनाते मनाते हम और हमारे बच्चे बड़े हुए हैं।
तो भई , कैसा रहा ये सफर, बताइयेगा ज़रूर।
वर्ष के प्रत्येक दिन ये क्षेत्र पर्यटकों से भरा रहता है। आइये सैर करते हैं, इंडिया गेट के लौंस की।
प्रष्ठ भूमि में दिखाई दे रहा है , राष्ट्रपति भवन।
इंडिया गेट के पास ट्रैफिक बंद कर दिया गया है, जिससे की पर्यटकों को कोई असुविधा न हो।
इंडिया गेट पास से।
ये है , अमर जवान ज्योति। यहीं पर १४ अगस्त १९४७ की रात को ठीक १२ बजे प्रथम प्रधान मंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने भारत का झंडा लगाया था और ज्योति प्रज्वलित की थी।
अब इंडिया गेट आए हैं और बोटिंग न करें, ऐसा कैसे हो सकता है। इन रंग बिरंगी बोट्स को देखकर आप बिना बोटिंग किए जा ही नही पाएंगे।
इंडिया गेट के चारों ओ़र हरे भरे लौंस --- यहीं पर पिकनिक मनाते मनाते हम और हमारे बच्चे बड़े हुए हैं।
तो भई , कैसा रहा ये सफर, बताइयेगा ज़रूर।
रविवार, 25 अक्तूबर 2009
मंगलवार, 20 अक्तूबर 2009
बुधवार, 14 अक्तूबर 2009
दिल्ली दर्शन ---रोड्स टू हैपीनेस
समर्धि और सम्पन्नता का रास्ता , यहीं से होकर जाता है। जी हाँ, यु एस , यु के और कनाडा का वीजा यहीं मिलता है। दिल्ली का चाणक्य पुरी क्षेत्र ।
शान्ति पथ
दूसरे एंगल से
कभी इन्ही लौंस में पंजाब से बसें भरकर आती थी, वीजा के लिए।
शान्ति पथ
दूसरे एंगल से
कभी इन्ही लौंस में पंजाब से बसें भरकर आती थी, वीजा के लिए।
शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2009
शुक्रवार, 25 सितंबर 2009
रविवार, 30 अगस्त 2009
टोरंटो से कुबक तक
टोरंटो से कुबक की दूरी करीब ८०० किलोमीटर है जो हमने हाइवे पर ड्राइव करते हुए ८ घंटे में पूरी की। आसमान में छाये बादलों की छटा निराली थी रास्ते में आया मांट्रियाल शहर
शुक्रवार, 28 अगस्त 2009
एल्गोन्क़ुईन कैम्पिंग
गुरुवार, 27 अगस्त 2009
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