सोमवार, 5 दिसंबर 2011

क़ुतुब मीनार --कैमरे की नज़र से --अलग अलग दिशाओं से --

सूरज के सामने फोटो ऐसा नज़र आता है ।

क़ुतुब मीनार और लौह स्तम्भ ।


आर्च के नीचे ।

नीले आसमान की प्रष्ठ भूमि में ।

लौह स्तम्भ प्रांगण का दृश्य ।

एक चित्र यहाँ से भी ।

यह भी खूब रहा ।

इसके तो क्या कहने !

इसे देखकर ९/११ याद आने लगा ।

लेकिन फिर राहत की सांस मिली ।

बुधवार, 23 नवंबर 2011

सोमवार, 3 अक्तूबर 2011

कुछ रहस्यमयी , कुछ मनभावन तस्वीरें ---

आसमान से --


फ़रिश्ते उतर आए ज़मीं पर --



दुनिया रंगीन हो गई --



चाँद ने भी झांक कर देखा पेड़ों की ओट से --



बादल भी निहारने लगे पृथ्वी को --



पाताल में भी रंग बिखर गए --



रात भी कम रंगीन नहीं रही --



जिंदगी हर हाल में सरपट दौड़ती है --



सिर्फ पृथ्वी ही गोल नहीं है ---



पृथ्वी पर जीवन के भी अनेक रूप हैं ---



अन्तरिक्ष की ओर उड़ान---



ज़मीन पर जब शाम होने लगी --



तब आसमान में भी रंगों की छटा उभर आई .....


तो यह था ज़मीं से आसमाँ , और आसमाँ से ज़मीं तक का सफ़र .