गुरुवार, 27 दिसंबर 2012

गाना आए या न आए , गाना चाहिए ---


ऐसा नज़ारा और कहाँ मिलेगा देखने को !



अब तो समझ में आ ही गया कि पहले अंडा ही आया था।






आखिर ऑटो रिक्शा वाले के भी कुछ ज़ज्बात होते हैं !






यूज करें या न करें , यह तो आपकी मर्ज़ी है। हमारा काम तो समझाना था।






फोन नंबर तो है ही, मिलाकर देखिये तो।






वाह ! सही मायने में धर्म निरपेक्षता का उदाहरण !  अच्छा लगा।






न बाथरूम, न वाशरूम , न ही रेस्टरूम -- इसे कहते हैं हिंगलिश !







जल्दी कीजिये -- लगता है टी वी वालों को भी यह कहने की आदत इसे पढ़कर ही पड़ी होगी।



गुरुवार, 6 दिसंबर 2012

इक महल हो सपनों का ---


हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पर दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान फिर भी कम निकले।

जब तक सूरज चाँद रहेगा, तब तक मनुष्य के मन में अरमान रहेंगे। लेकिन सबके अरमान कहाँ पूरे हो पाते  हैं . फिर भी कुछ हैं जो जिसे भी छूएं , वही सोना बन जाता है। आइये देखते हैं ऐसे ही लोगों के ठाठ बाठ।   




यह कोई तरण तसतरी नहीं, बल्कि एक लग्ज़री नाव है जिसे अमीरों की भाषा में यौट कहते हैं।






बाहर से बिल्कुल टाइटेनिक जैसी लेकिन कोई खिड़की दरवाज़े नहीं। 






अब ऊपर से देखिये।  शायद समझ में न आये।






लग रहा है जैसे कोई तीन मंजिला तैरता हुआ बंगला हो।





जी हाँ, यह तैरता हुआ बंगला ही तो है जिसके आँगन में काउच बिछे हैं धूप सेकने के लिए। यदि धूप तेज हो या बारिस आ जाये तो बरामदे में भी लेटा जा सकता है।  


अब चलते हैं इसके अन्दर।


ये रहा डाइनिंग हॉल जहाँ काफी लोग एक साथ बैठकर खाना खा सकते हैं,समुद्र में तैरते हुए।





बेडरूम और संलग्न बाथरूम देखकर तो ज़रूर कुछ कुछ हो रहा होगा।  






एक ड्राइंग रूम नीचे , एक ऊपर।  





बीच में सीढियां। डुप्ले या ट्रिप्ले ! 





अंत में बाहर निकलकर आँगन में लेटकर, बैठकर, खड़े होकर या टहलकर आप समुद्री यात्रा का आनंद ले सकते हैं।
लेकिन तब जब कोई आपको यहाँ आने का निमंत्रण दे।

अब ज़रा सोचिये, देश में ऐसा कौन है जिसने यह यौट खरीदा है ! सिफारिश तो उसके बाद ही लग पायेगी।   



मंगलवार, 16 अक्तूबर 2012

रंगों की बारात --


विश्व के विभिन्न देशों से लिए गए कुछ मनोहारी चित्र 




फ्लोरिडा में सूर्यास्त के बाद एक दुर्लभ दृश्य -- फायर रेनबो क्लाउड 







जेनेवा स्विट्जर्लेंड में दो नदियों का संगम 





सूर्यास्त का अद्भुत दृश्य 





आयरिश स्काई गार्डन क्रेटर 






रूस में बर्फ में बनी एक सुरंग रौशनी में . 





जयपुर के निकट आभानेरी गाँव में चाँद बावरी 



विश्व का सबसे गहरा स्टेप्वेल 




नोट : सभी चित्र साभार इ मेल से प्राप्त . 

शुक्रवार, 24 अगस्त 2012

दुनिया की अद्भुत रेल यात्रायें ---



पहाड़ी नदी के समानांतर चलती सड़क और रेल, मानो आपस में होड़ लगा रही हों .




इस जगह तो सड़क भी खतरनाक दिखती है . फिर रेल तो कमाल दिखा रही है .




बर्फ से ढकी पहाड़ियों के बीच बर्फीली घाटी से गुजरती रेल .



झील को चीरती रेल तो पहली बार देखी है .



कंधे से कन्धा मिलाकर चलती रेल .




अंत में केटर पिलर रेल .


नहीं जानते ये ट्रेन्स कहाँ की हैं . शायद आप बता पायें !




सोमवार, 13 अगस्त 2012

स्वतंत्रता दिवस की ६५ वीं वर्षगांठ पर -- शहीदों के नाम ...




विश्व का सबसे ऊंचा युद्ध मैदान -- सियाचिन , जहाँ वर्ष के हर दिन बर्फ में ढके पहाड़ मनुष्य की ताकत और सहनशीलता को चुनौती देते हैं .

क्या पाकिस्तान के कहने पर यहाँ से फौजों को हटाया जा सकता है ?





हर मौसम , हर हाल में , दिन रात मुस्तैद रह कर रक्षा करते हैं ये सीमा की .





यही घर है , यही रैन बसेरा -- यही महल है इनका .





ये बर्फीली पहाड़ियां ही जीवन है इनका .





झील का ठंडा पानी पीकर मस्त रहते हैं ये बाँकुरे .




शहीदों को नमन .




यदि ये न होते तो आज हम सुख शांति की जिंदगी न जी रहे होते .

नोट : आभार डॉ राजेश सोबती .


मंगलवार, 7 अगस्त 2012

अफ्रीका के जंगलों से ---

सावन गुजर गया . लेकिन यहाँ सावन की काली घटा अभी ही छाई है . देखते हैं , कुछ ऐसी ही तस्वीरें --
































नोट : सभी तस्वीरें इ-मेल से प्राप्त .