प्रस्तुत हैं कुछ तस्वीरें , यादों के पिटारे से ----
दूर इस झील के पार हमारा घर है ----।
ओहरे ताल मिले नदी के जल में , नदी मिले सागर में ---।
उफान पर नदी ।
अंग्रेजों की रातें बड़ी रंगीन होती हैं ---।
शाम होते ही पंछी घर की ओर चल देते हैं ----।
दो देश ---एक तरफ दिन , एक तरफ रात ----।
चौड़े पाट वाली नदी , कैसा रूप धारण कर लेती है ----।
थोडा दाना हमें भी ----।
आजा शाम होने आई , मौसम ने ली अंगडाई ----।
ये छोटे छोटे हवाई ज़हाज़ हैं या ----। क्या उड़ान है !
इंसान का सच्चा स्वरुप ----।
इस गाड़ी का नाम जानते हैं ?
शांत झील में थोड़ी सी खलबली ----।
ये शांत झील और ये शाम का समां ----।
ये कहाँ आ गए हम ---ये आ रहे हैं या जा रहे हैं ?
गुरुवार, 23 सितंबर 2010
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