रविवार, 20 अप्रैल 2014

दिल्ली में दिल्ली के इतिहास की खोज जारी है --


दिल्ली के पुराना किला में आजकल पुरातत्व विभाग की ओर से खुदाई चल रही है जिसे जनता के लिए दो दिन के लिए खोला गया था।  


किले के प्रांगण में एक पुरानी बावली जो कभी पेय जल का श्रोत होती थी।




ऐ इस आई की खुदाई 



खुदाई एक टीले पर की जा रही है।




चावल और दाल के दाने।




टैराकोटा बर्तन , साथ में उनके असली फोटो।




ताम्बे के पुराने सिक्के जो खुदाई में मिले।




खुदाई से निकाले गए मिट्टी के बर्तनों के टुकड़े और अन्य वस्तुएं।




टीले के नीचे से एक दृश्य।




एक कमरा।  ईंटों का साइज़ डेढ़ फुट रहा होगा ।   




किले के तीन में से एक द्वार जो चिड़ियाघर की ओर खुलता है।  आजकल यहाँ रोज शाम को लाइट एंड साउंड शो होता है।




अहाते में एक पुराना पेड़।




किले के बाहर लेक में बोटिंग।

अभी खुदाई में मिली वस्तुओं का विश्लेषण चल रहा है।  जल्दी ही परिणाम हमें दिल्ली के इतिहास के बारे में हमारा ज्ञान वर्धन करेंगे।


रविवार, 2 मार्च 2014

मनुष्य के जीवन मे पेड़ों का साथ बहुत महत्त्वपूर्ण है --- एक चित्रावली !


मनुष्यों की तरह पेड़ों के भी अनेक रंग रूप होते हैं।



ये बेचारा तो जल बिच मीन प्यासी की तरह लग रहा है।





इसके सूखेपन पर मत जाइये।  यह स्टील  का बना है !





यह तो लगता है रामसे फिल्म्स की किसी फ़िल्म का किरदार रहा होगा !





यह छंगा छाप पेड़ है पर इसमें भी छेद है ! लगता है किसी मेहमान पक्षी ने यहाँ बंगला बनाया है !





यह न जाने कब से इस अहाते में कैद खड़ा है !





यह तो वास्तव में मुग़लों के ज़माने से इस पार्क की शोभा बढ़ा रहा है !





इन्हे देखकर तो दिल्ली में भी समुद्र किनारे का अहसास हो रहा है !





रक्षक 

गुरुवार, 20 फ़रवरी 2014

तुम बेसहारा हो तो , किसी का सहारा बनो ---


कुछ पेड़  ऐसे  हैं जो बहार  आने में पिछड़ जाते हैं । लेकिन फिर भी उनसे हरियाली में चार चाँद लग जाते हैं।
ऐसे ही हैं ये कुछ सूखे पेड़ जो नेहरू पार्क की शोभा बढ़ा रहे हैं।   









































इस सूखे पेड़ ने अपना रास्ता निकाल लिया है, किसी को सहारा देकर।




शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2014

मंगलवार, 11 फ़रवरी 2014

सुहानी धूप और आसमान से झांकता चाँद -- नेहरू पार्क !


रविवार का दिन , फुर्सत के कुछ पल , नर्म  सुहानी धुप और श्रीमती की फरमाईश पर नेहरू पार्क की सैर हो गई।  आप भी चलिए हमारे साथ :



सुन्दर पगडंडी।



पाम ट्री से मैचिंग !




धूप छाँव का मेल।




एक झील भी है।




जड़ों से बना ऑक्टोपस।




पेड़ों के बीच दूर अशोक होटल।




गुलाब वाटिका।




धूप में खिला गुलाब और चाँद।




गुलाब छाया में।




गुलाबी गुलाब।




निर्मल सफ़ेद गुलाब।




बेगनबेलिया का पेड़ या पेड़ पर बेगनबेलिया !