शनिवार, 30 मार्च 2013

दिल्ली का मिलेनियम पार्क -- कुछ मनभावन तस्वीरें !


दिल्ली का मिलेनियम पार्क -- कुछ मनभावन तस्वीरें ! 




पत्थरों के शहर में इन्सान ढूंढ रहे हैं।





नाज़ुक फूल -- बस इंसानों की हैवानियत से बच जाएँ !




बड़े की छाँव में पलता छोटा।




प्रकृति की छटा -- पूरे जोबन पर।





प्रकृति और भौतिकी -- साथ साथ।






दिल बाग बाग़ करती हरियाली।





छोटा पर सुन्दर।





दूसरे जहाँ की ओर --- एक दिन के लिए।





चमक अभी बाकि है।





कभी अलविदा ना कहना।



शुक्रवार, 15 मार्च 2013

फोटोग्राफी के शौकीनों को बस बहाना चाहिए ---


आज फिर फोटोग्राफी का मूड बना है।  



अस्पताल के द्वार से बाहर का दृश्य।





अस्पताल प्रांगन।






 बसंत का प्रभाव यहाँ भी है।





स्वामी तो नहीं लेकिन जिम्मेदारी तो है।





हैप्पी आवर के दौरान।




मंगलवार, 5 मार्च 2013

चलो गाँव की ओर ---


चलो गाँव की ओर ---





गाँव का एक आम लेकिन गाँव विशेष नज़ारा।





गन्ने से लदा ट्रैक्टर सीधा गन्ने के खेत से ।





गाँव की क़ुतुब मीनार --- ब्रिक किल्न की चिमनी ।





इस पेड़ के लिए न बसंत है , न बहार।






गाँव को जाती सड़क या गाँव से आती भी ।





एक घर की बैठक। घरवाले सभी बारात देख रहे हैं। सर्दियों की नर्म धूप में आँगन में लेटे हुए।   






गाँव की जिंदगी में जुगाड़ का बड़ा महत्त्व होता है।