शुक्रवार, 27 जनवरी 2012

अद्भुत तस्वीरें -- कौन सी लगी सबसे मजेदार !

जल बिच मीन पियासी

कहीं यह वाटर हार्वेस्टिंग का नतीजा तो नहीं !


देश का भविष्य

यह ज़रूर बड़ा होकर वैज्ञानिक बनेगा !


डांसिंग ट्रक !

मनुष्य के लालच की भी हद होती है !



अज़ूबा !

बेटा बाप से भी बड़ा !



देश की सुरक्षा

सुरक्षित हाथों में ?


तो बताइये , कौन सा लगा सबसे मजेदार !

नोट : सभी चित्र साभार श्री जे सी जोशी जी से ई-मेल द्वारा प्राप्त !




शनिवार, 21 जनवरी 2012

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला -२०११

प्रस्तुत हैं --अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला -२०११ की कुछ और रंग बिरंगी झलकियाँ --क्योंकि हमें तो रंगों से प्यार है ।
और आपको !



















































गुरुवार, 12 जनवरी 2012

यदि हाथ में कैमरा हो और मन में उत्साह--

कैमरा भी कभी कभी अविस्मरणीय पलों को कैद कर लेता है । प्रस्तुत हैं , ऐसे ही हैरत में डालने वाले , लेकिन हंस हंस कर लोट पोट कर देने वाले, कुछ फोटो जो हमें एक मित्र से इ-मेल द्वारा प्राप्त हुए ।


किस्मत अपनी अपनी


हेंड्स फ्री --बिहारी इस्टाइलअब कोई पुलिस वाला भला क्या चालान कटेगा



अब चोर तो क्या चोर का बाप भी साईकल चुरा सकता है , चप्पलें
ज़रूर यह फोटो मंदिर के बाहर लिया गया होगा ।



गोवा की रंगीनियाँयहाँ सब कुछ रंगीन है



अरे दादी चिंता क्यों करती हैअभी पहुंचाते हैं तुम्हे दादा के पास



इसे कहते हैं --चक्के पे चक्कालेकिन सीट रिजर्व्ड है भाई




परन्तु अपनी तो यही सवारी बेस्ट है बापूअब सवारी है तो स्कूल पैदल क्यों जाऊं



ताकत आजमाने का यह तरीका भी बढ़िया है । इस हसीन लड़ाई पर वारी वारी जाऊं




लेकिन शांति से बिना लड़े भी हराया जा सकता है । देखिये वो मेन स्पेशल



कोई देख सुन रहा है !

नोट : ये फोटो किसने खींचे हैं , यह तो पता नहीं । लेकिन खींचने वाले की दाद देनी पड़ेगी । बहुत दिलचस्पी से फोटो उतारे हैं ।
वैसे भी यदि हाथ में कैमरा हो और मन में उत्साह , तो आँखें खुद ही तलाश कर लेती हैं ऐसे मनभावन पल ।

गुरुवार, 5 जनवरी 2012

दिल्ली में २०१२ की पांचवीं सुबह कुछ ऐसी थी --

इस बार नव वर्ष पर कोहरा काफी कम रहा ।
लेकिन आज सुबह जब उठे और बाहर झाँका तो यह नज़ारा नज़र आया ।


सुबह के आठ बजे तक भी सामने वाला ब्लॉक मुश्किल से दिखाई दे रहा था ।



बालकनी में झाँका तो यह कबूतर नज़र आया ।





दरवाज़ा खोल कर सामना हुआ ।




हमें फोटो लेते देख , यह भी पीछे देखने लगा ।




जहाँ नीचे सड़क बिल्कुल दिखाई नहीं दे रही थी ।

धुंध को घर से देखकर तो बड़ा मज़ा आता है । लेकिन ऐसे में यदि बाहर निकलना पड़े तो डर भी लगता है ।
लेकिन काम पर जाना ही होता है । इसलिए निकल पड़ते हैं राम का नाम लेकर ।