गुरुवार, 20 फ़रवरी 2014

तुम बेसहारा हो तो , किसी का सहारा बनो ---


कुछ पेड़  ऐसे  हैं जो बहार  आने में पिछड़ जाते हैं । लेकिन फिर भी उनसे हरियाली में चार चाँद लग जाते हैं।
ऐसे ही हैं ये कुछ सूखे पेड़ जो नेहरू पार्क की शोभा बढ़ा रहे हैं।   









































इस सूखे पेड़ ने अपना रास्ता निकाल लिया है, किसी को सहारा देकर।




शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2014

मंगलवार, 11 फ़रवरी 2014

सुहानी धूप और आसमान से झांकता चाँद -- नेहरू पार्क !


रविवार का दिन , फुर्सत के कुछ पल , नर्म  सुहानी धुप और श्रीमती की फरमाईश पर नेहरू पार्क की सैर हो गई।  आप भी चलिए हमारे साथ :



सुन्दर पगडंडी।



पाम ट्री से मैचिंग !




धूप छाँव का मेल।




एक झील भी है।




जड़ों से बना ऑक्टोपस।




पेड़ों के बीच दूर अशोक होटल।




गुलाब वाटिका।




धूप में खिला गुलाब और चाँद।




गुलाब छाया में।




गुलाबी गुलाब।




निर्मल सफ़ेद गुलाब।




बेगनबेलिया का पेड़ या पेड़ पर बेगनबेलिया !