विश्व का सबसे ऊंचा युद्ध मैदान -- सियाचिन , जहाँ वर्ष के हर दिन बर्फ में ढके पहाड़ मनुष्य की ताकत और सहनशीलता को चुनौती देते हैं .
हर मौसम , हर हाल में , दिन रात मुस्तैद रह कर रक्षा करते हैं ये सीमा की .
यही घर है , यही रैन बसेरा -- यही महल है इनका .
ये बर्फीली पहाड़ियां ही जीवन है इनका .
झील का ठंडा पानी पीकर मस्त रहते हैं ये बाँकुरे .
शहीदों को नमन .
यदि ये न होते तो आज हम सुख शांति की जिंदगी न जी रहे होते .
नोट : आभार डॉ राजेश सोबती .
सैनिकों को नमन !
जवाब देंहटाएंऐसे सैनिकों को हमारा भी नमन......
जवाब देंहटाएंहमें गर्व हैं रणबांकुरों पर..
जवाब देंहटाएंइन सैनिकों ने हमे बधाई देने लायक रख छोड़ा है। स्वतंत्रता दिवस की बधाई स्वीकार करें सर जी।
जवाब देंहटाएंsalute
जवाब देंहटाएंनाज़ है इन रणबांकुरों पर... जय हिंद!
जवाब देंहटाएंभारत माँ के इन वीर सपूतों को नमन...जय हिंद
जवाब देंहटाएंकिसी का रोमांच,किसी की जान
जवाब देंहटाएंकिसी की सीमा,किसी की शान!
इन वीरों को शत-शत नमन।
जवाब देंहटाएं............
डायन का तिलिस्म!
हर अदा पर निसार हो जाएँ...
समर्पित गौरवान्वित करती पोस्ट जाँ बाजों के जीवन को .कृपया यहाँ भी पधारें http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
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