ये फ़ोटो आपके कैमरे के है या आपके खीचे हुए है? क्योंकि आपका कैमरा भी आपसे कम घुमक्कड नहीं है, थोडा सा लिख भी दिया होता, ताकि इसे पढकर कुछ जानकारी भी प्राप्त होती!
मेडिकल डॉक्टर, न्युक्लीअर मेडीसिन फिजिसियन--
ओ आर एस पर शोध में गोल्ड मैडल--
एपीडेमिक ड्रोप्सी पर डायग्नोस्टिक क्राइटेरिया --
सरकार से स्टेट अवार्ड प्राप्त--
दिल्ली आज तक पर --दिल्ली हंसोड़ दंगल चैम्पियन --
नव कवियों की कुश्ती में प्रथम पुरूस्कार ---
अब ब्लॉग के जरिये जन चेतना जाग्रत करने की चेष्टा --
अपना तो उसूल है, हंसते रहो, हंसाते रहो. ---
जो लोग हंसते हैं, वो अपना तनाव हटाते हैं. ---
जो लोग हंसाते हैं, वो दूसरों के तनाव भगाते हैं. ---
बस इसी चेष्टा में लीनं.
चित्र सब कुछ स्पष्ट कहते हुये।
जवाब देंहटाएंये फ़ोटो आपके कैमरे के है या आपके खीचे हुए है? क्योंकि आपका कैमरा भी आपसे कम घुमक्कड नहीं है, थोडा सा लिख भी दिया होता, ताकि इसे पढकर कुछ जानकारी भी प्राप्त होती!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर हैं सारे फोटो ....
जवाब देंहटाएंचित्र देखकर ही मानो अपनी यात्रा हो गयी, बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंसही कहा संदीप जी । अभी तो कैमरा ही घूम कर आया है । अगले साल हम भी कोशिश करते हैं , फिर वर्णन कर पाएंगे ।
जवाब देंहटाएं1981- 1982 मे दो बार कारगिल जा कर भी हम लेह नहीं गए थे,आपने घर बैठे-बैठे ही लेह की सैर करा दी। चित्रों मे तो अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंएक अलग सी कहानी कहते हैं ये चित्र । ये घुमावदार सडकें ये भूरे पहाड और निचली सतहों की थोडी हरितिमा ।
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