भाई साहब भाई दराल साहब हमें रंगों और रंगीनियों दोनों से प्यार है .आपके मनोहारी छवि से भी कमरे की आँख बिखेरी आभा से भी .प्रगति मैदान के चल तुझे सैर करादूं .....क्या बात है इन चित्रों की मनोरम सजीव झांकियों की मंडप दर मंडप .
मेडिकल डॉक्टर, न्युक्लीअर मेडीसिन फिजिसियन--
ओ आर एस पर शोध में गोल्ड मैडल--
एपीडेमिक ड्रोप्सी पर डायग्नोस्टिक क्राइटेरिया --
सरकार से स्टेट अवार्ड प्राप्त--
दिल्ली आज तक पर --दिल्ली हंसोड़ दंगल चैम्पियन --
नव कवियों की कुश्ती में प्रथम पुरूस्कार ---
अब ब्लॉग के जरिये जन चेतना जाग्रत करने की चेष्टा --
अपना तो उसूल है, हंसते रहो, हंसाते रहो. ---
जो लोग हंसते हैं, वो अपना तनाव हटाते हैं. ---
जो लोग हंसाते हैं, वो दूसरों के तनाव भगाते हैं. ---
बस इसी चेष्टा में लीनं.
बहुत सुन्दर। रंग ही तो जीवन की ऊर्जा हैं। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंनिर्मला जी , वापसी पर आपका स्वागत है । आशा है अब आप ठीक होंगी ।
हटाएंचित्र लहरी,
जवाब देंहटाएंलगे ठहरी..
चित्र,उनकी कलाकारी और मेले की सभी तस्वीरें आकर्षक हैं।
जवाब देंहटाएंकमाल के चित्र...बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंनीरज
सुन्दर चित्र.....
जवाब देंहटाएंडॉ साहब इन तस्वीरों में रंगों की छटा क्या बरात देखते ही बनती है हर मंडप को आपने साकार किया है .
जवाब देंहटाएंभाई साहब भाई दराल साहब हमें रंगों और रंगीनियों दोनों से प्यार है .आपके मनोहारी छवि से भी कमरे की आँख बिखेरी आभा से भी .प्रगति मैदान के चल तुझे सैर करादूं .....क्या बात है इन चित्रों की मनोरम सजीव झांकियों की मंडप दर मंडप .
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