प्रस्तुत हैं , पोर्ट ब्लेयर --अंडमान निकोबार द्वीप समूह की २००६ की यात्रा के कुछ दृश्य ।
रौस आईलेंड : किनारे पर --
रौस आईलेंड में पुरानी गिरिजाघर --एक खँडहर
रौस आईलेंड के पिछवाड़े --समुद्र
रौस आईलेंड
एक म्यूजियम
एक म्यूजियम --पोर्ट ब्लेयर में
रिफ्लेक्शन
काला पानी --सचमुच काला
छई छप्पा छई --
अकेले की बीच
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सुंदर जीवंत चित्र हैं भाई साहब
जवाब देंहटाएंआनंद आ गया देख कर
वैसे भी सुंदरवन से लेकर पुद्दुचेरी तक सभी बीच का पानी काला है।
बहुत सुंदर लगे सभी चित्र, जाने का विचार कई बार बना लेकिन बच्चो की छुट्टिया यहां अगस्त सितम्बर मै होने के कारण नही जा सकते.. अ्ब देखेगे क्योकि बच्चे युनिव्र्स्टि´मै जयेगे अगले साल. धन्यवाद इस सभी चित्रो के लिये
जवाब देंहटाएंइस से सुन्दर स्वर्ग भी क्या होगा। शानदार पोस्ट। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन फोट...दिलकश पोस्ट...
जवाब देंहटाएंनीरज
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा अंडमान को चित्रों में देखकर. मैं तो रोज ममा-पापा के साथ इस काला-पानी में घूमती हूँ.
जवाब देंहटाएंअदभुत दृश्यावलियाँ, मुझे खींच सी रही हैं।
जवाब देंहटाएं................
नाग बाबा का कारनामा।
व्यायाम और सेक्स का आपसी सम्बंध?
बहुत ही सुंदर चित्र हैं....
जवाब देंहटाएंमज़ा आ गया देख कर।
डॉ. साहिब...आप तो घर बैठे ही अंडमान की सैर करवा दी।
अच्छा है कि हम सुनामी से पहले की कुछ तस्वीरे देख पा रहे हैं।
जवाब देंहटाएंराधारमण जी , ये तस्वीरें २००६ की हैं । यानि सुनामी के बाद की । तब तक काफी सफाई हो चुकी थी ।
जवाब देंहटाएंअंग्रेज चले गए..अब तो अंडमान को काला-पानी से बक्श दीजिये...खूबसूरत चित्र..
जवाब देंहटाएंबस ..मन हो रहा है अगली छुट्टियों में घूम ही आयें ।
जवाब देंहटाएंwonderful pictures....I have seen calm & beautiful island through through these pictures.
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