प्रवेश करते ही --

हरियाली --

हरियाली के साथ फूल भी ---

हरियाली के बीच एक पेड़ जो वंचित रह गया ---

पेड़ों के बीच फव्वारा ---

थोडा जंगल नुमा भी ---

यहाँ बैठना मना है --पता नहीं क्यों ---

शांति , शांति , शांति ---

घुमावदार सीढियाँ ---

जंगल में बनी मूर्तियाँ ---

नोट : दिल्ली टूरिज्म की तरफ से आज शाम ६ बजे तक यहाँ गार्डन टूरिस्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया है। अगर अवसर मिले तो देखिये ज़रूर। बसंत ऋतू में फूलों की सैर कर के आनंद आ जायेगा।
लेकिन यदि न भी जा पायें तो चिंता मत करिया , हम आपको सैर करा देंगे कल अंतर्मंथन पर ।