किस्मत अपनी अपनी ।
हेंड्स फ्री --बिहारी इस्टाइल । अब कोई पुलिस वाला भला क्या चालान कटेगा ।
अब चोर तो क्या चोर का बाप भी न साईकल चुरा सकता है , न चप्पलें । ज़रूर यह फोटो मंदिर के बाहर लिया गया होगा ।
गोवा की रंगीनियाँ । यहाँ सब कुछ रंगीन है ।
अरे दादी चिंता क्यों करती है । अभी पहुंचाते हैं तुम्हे दादा के पास ।
इसे कहते हैं --चक्के पे चक्का । लेकिन सीट रिजर्व्ड है भाई ।
परन्तु अपनी तो यही सवारी बेस्ट है बापू । अब सवारी है तो स्कूल पैदल क्यों जाऊं ।
ताकत आजमाने का यह तरीका भी बढ़िया है । इस हसीन लड़ाई पर वारी वारी जाऊं ।
लेकिन शांति से बिना लड़े भी हराया जा सकता है । देखिये वो मेन स्पेशल ।
कोई देख सुन रहा है ! नोट : ये फोटो किसने खींचे हैं , यह तो पता नहीं । लेकिन खींचने वाले की दाद देनी पड़ेगी । बहुत दिलचस्पी से फोटो उतारे हैं ।
वैसे भी यदि हाथ में कैमरा हो और मन में उत्साह , तो आँखें खुद ही तलाश कर लेती हैं ऐसे मनभावन पल ।

सही कहा...बहुत मजेदार फोटो हैं...
जवाब देंहटाएंनीरज
हा हा हा, आनन्द आ गया।
जवाब देंहटाएंवाह फ़ोटो लेने वाले ने कमाल कर दिया
जवाब देंहटाएंWAAH !MAAN GAE DR. SAHEB AAPKI CHITRAKALA
जवाब देंहटाएंchhaa gaye dr daahab .tasveer bdaa sashakt paigaam deti hai .
जवाब देंहटाएंमंदिर के बाहर साइकिल और वोमेन स्पेशल वाले चित्र ज्यादा प्रचारित होने चाहिए।
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