फ़रिश्ते उतर आए ज़मीं पर --
दुनिया रंगीन हो गई --
चाँद ने भी झांक कर देखा पेड़ों की ओट से --
बादल भी निहारने लगे पृथ्वी को --
पाताल में भी रंग बिखर गए --
रात भी कम रंगीन नहीं रही --
जिंदगी हर हाल में सरपट दौड़ती है --
सिर्फ पृथ्वी ही गोल नहीं है ---
पृथ्वी पर जीवन के भी अनेक रूप हैं ---
अन्तरिक्ष की ओर उड़ान---
ज़मीन पर जब शाम होने लगी --
तो यह था ज़मीं से आसमाँ , और आसमाँ से ज़मीं तक का सफ़र .