कहीं दूर जब दिन ढल जाये ---
साँझ की दुल्हन बदन चुराए -- चुपके से आये --
खोया खोया चाँद , खुला आसमान ---
तुमको भी कैसे नींद आएगी ---
सूरज हुआ मध्यम --- चाँद जलने लगा --
चाँद छुपा और तारे डूबे ---रात ग़ज़ब की आई ---
ये पर्बतों के दायरे -- ये शाम का धुआं --
फिर सुबह हुई ---
दूर से देखा ---
पास से देखा ---
दिन लाल गुलाबी हो गया ---
ये चित्र कथा और चुने हुए गानों के साथ - कभी कभी गुनगुनाने का समय न भी हो तो आपने फिर से पर ला ही दिए . बहुत अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंखूबसूरत पोस्ट।
जवाब देंहटाएंकोई दीप भी जलाये, सपनों के। बहुत ही प्यारे चित्र..
जवाब देंहटाएंचित्र माला देखते देखते याद आ गया ये गीत -चाँद आहें भरेगा ,फूल दिल थाम लेनेगे ,हुश्न की बात चली तो सब तेरा नाम लेंगे .....
जवाब देंहटाएंदूर से देखा ,पा स से देखा ,दिन गुलाबी हो गया ,रात शरारती .......वाह !क्या छायांकन है गजब का ......
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