शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2015

१०० वीं पोस्ट के साथ चित्रकथा का समापन ---

 इस ब्लॉग की यह १०० वीं पोस्ट है।  सुन्दर चित्रों से सुसज्जित इस ब्लॉग को बहुत पसंद किया गया।  लेकिन अब ब्लॉगिंग में लोगों की दिलचस्पी लगभग ख़त्म सी हो गई है।  इसलिए शतक पूरा होते ही इस ब्लॉग की इतिश्री करने का विचार है।
फ़िलहाल पिछली शिमला यात्रा से प्रस्तुत हैं कुछ चुनिंदा तस्वीरें :


शिमला का मॉल रोड जहाँ गांधी जी की मूर्ती के आगे खुले स्पाट मैदान में जहाँ अंग्रेज़ों के ज़माने में इंडियंस का जाना मना था , अब देश विदेश के हज़ारों सैलानी रोज सैर करते नज़र आते हैं।  दूर जाखू हिल पर हनुमान की मूर्ती कुछ वर्ष पूर्व स्थापित हुई है और दूर से भी बड़ा भव्य दृश्य प्रस्तुत करती है।   




मॉल रोड के अंत में बना है सबसे ज्यादा ऊँचाई पर सरकारी होटल ग्रैंड जहाँ कभी २० रूपये में बहुत बड़ा कमरा सरकारी नौकरों को मिल जाता था।  अब वही ६०० से ८०० के बीच था।  पहले यहाँ पानी की बड़ी किल्लत रहती थी लेकिन अब उनका दावा है कि पानी २४ घंटे मिलता है।




ग्रैंड होटल के सामने ही बहुत खूबसूरत जगह पर मिला ये खँडहर हुआ शानदार बंगला जो किसी हॉरर फिल्म के सैट जैसा दिख रहा था।  ज़ाहिर है , कभी यह भी आबाद रहा होगा और शान शौकत का प्रतीक रहा होगा।




क्योंकि ब्लॉगिंग की हालत भी इस बंगले जैसी हो गई है , इसलिए इस १०० वीं पोस्ट के साथ चित्रकथा  का समापन होता है ।
सभी को शुभकामनायें।




शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2015

चैल शिमला दर्शन --


चैल पैलेस 


चैल पैलेस ग्राउंड 


चैल से घाटी का दृश्य 



फागु घाटी 






शिमला के बाहर हरियाली 








शिमला शहर 


चौक 

विश्व का सबसे ऊंचा क्रिकेट ग्राउंड 


नदी में पिकनिक 


सूर्यास्त 




रविवार, 20 अप्रैल 2014

दिल्ली में दिल्ली के इतिहास की खोज जारी है --


दिल्ली के पुराना किला में आजकल पुरातत्व विभाग की ओर से खुदाई चल रही है जिसे जनता के लिए दो दिन के लिए खोला गया था।  


किले के प्रांगण में एक पुरानी बावली जो कभी पेय जल का श्रोत होती थी।




ऐ इस आई की खुदाई 



खुदाई एक टीले पर की जा रही है।




चावल और दाल के दाने।




टैराकोटा बर्तन , साथ में उनके असली फोटो।




ताम्बे के पुराने सिक्के जो खुदाई में मिले।




खुदाई से निकाले गए मिट्टी के बर्तनों के टुकड़े और अन्य वस्तुएं।




टीले के नीचे से एक दृश्य।




एक कमरा।  ईंटों का साइज़ डेढ़ फुट रहा होगा ।   




किले के तीन में से एक द्वार जो चिड़ियाघर की ओर खुलता है।  आजकल यहाँ रोज शाम को लाइट एंड साउंड शो होता है।




अहाते में एक पुराना पेड़।




किले के बाहर लेक में बोटिंग।

अभी खुदाई में मिली वस्तुओं का विश्लेषण चल रहा है।  जल्दी ही परिणाम हमें दिल्ली के इतिहास के बारे में हमारा ज्ञान वर्धन करेंगे।