बोट के अपर डेक पर बना है यह मंच जहाँ नृत्य और संगीत का आयोजन किया जाता है ।
सब अपना अपना स्थान संभाल कर बैठ चुके हैं ।
सबसे पहले बाल नृत्य पेश किया गया ।
फिर गोवा का लोक नृत्य ।
सूरज डूबने लगा तो सबका ध्यान उधर खिंच गया ।
सूर्यास्त ।
एक और बोट निकल पड़ी सैर कराने के लिए ।
नदी का पानी भी शाम के धुंधलके का आनंद ले रहा था ।
लाइटें जलने के बाद कुछ और ही छटा थी ।
लाइटों से सजा यह क्रूज शिप बड़ा सुहावना लग रहा था ।हिंदी फ़िल्मी संगीत पर थिरकते ये नौज़वान , शाम की रंगीनियों का मज़ा लेते हुए ।
